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जो भी क़समें खाईं थी हम ने, वादा किया था जो मिल के
तूने ही जीवन में लाया था मेरे सवेरा
क्या तुम्हें याद है? क्या तुम्हें याद है? क्या तुम्हें याद है?
दिन वो बड़े हसीन थे, रातें भी खुशनसीब थीं
तूने ही जीवन में लाया था मेरे सवेरा
क्या तुम्हें याद है? क्या तुम्हें याद है? क्या तुम्हें याद है?
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जागे-जागे रहते थे, खोए-खोए रहते थे
करते थे प्यार की बातें
कभी तनहाई में, कभी पुरवाई में
होती थीं रोज़ मुलाक़ातें
तेरी इन बाँहों में, तेरी पनाहों में
मैंने हर लमहा गुज़ारा
तेरे इस चेहरे को, चाँद सुनहरे को
मैंने तो जिगर में उतारा
कितने तेरे क़रीब था, मैं तो तेरा नसीब था
होंठों पे रहता था हर वक्त बस नाम तेरा
क्या तुम्हें याद है? (हाँ, मुझे याद है, हाँ, मुझे याद है)
♪
दिन के उजालों में, ख्वाब-ओ-खयालों में
मैंने तुझे पल-पल देखा
मेरी ज़िंदगानी तू, मेरी कहानी तू
तू है मेरे हाथों की रेखा
मैंने तुझे चाहा तो, अपना बनाया तो
तूने मुझे दिल में बसाया
प्यार के रंगों से, बहकी उमंगों से
तूने मेरा सपना सजाया
तेरे लबों को चूम के, बाँहों में तेरी झूम के
मैंने बसाया था आँखों में तेरे बसेरा
क्या तुम्हें याद है? (हाँ, मुझे याद है, हाँ, मुझे याद है)
जो भी क़समें खाईं थी हम ने (वादा किया था जो मिल के)
तूने ही जीवन में लाया था मेरे सवेरा
क्या तुम्हें याद है? (हाँ, मुझे याद है), हाँ, मुझे याद है